होलिका दहन की रात्रि में किया जाने वाला महत्वपूर्ण लघु प्रयोग
होलिका दहन की रात्रि को तंत्र साधना की दृष्टि से हमारे शास्त्रों में महत्वपूर्ण माना गया है | और यह रात्रि तंत्र साधना व लक्ष्मी प्राप्ति के साथ खुद पर किये गए तंत्र मंत्र के प्रतिरक्षण हेतु सबसे उपयुक्त मानी गई है| इस रात्रि में सम्पन्न की गई छोटी से छोटी साधना एवं प्रयोग भी कई गुना फल देती है |
इस रात्रि में बहुत से अभिचार कर्म भी किये जाते है अतः गुरु माँ द्वारा बताई गयी इस लघु साधना/प्रयोग को आप होलिका दहन की रात्रि में स्वयं की रक्षा हेतु कर सकते हैं |
ॐ खां खीं खां नमो भगवते पक्षिराजाय आकाशभैरवाय महाशिवाय सर्व अभिचार कर्म नाशय नाशय सर्व अनिष्ट निवारय निवारय हुं फ़ट् स्वाहा ||
इस मंत्र का यथासंभव जाप करें |
होलिका दहन के अवसर पर भगवान शरभ लघु मन्त्र साधना
ये भगवान शरभ जी का मन्त्र हैं भगवान शरभ महाविद्या साधक परिवार के कुल देवता हैं |
“होली के शुभ अवसर पर सभी बेटे बेटियों को, साधक साधिकाओं को, शिष्य शिष्याओं को बहुत बहुत आशीर्वाद | तुम्हारे जीवन में प्रभुत्व आए, लक्ष्मी एवं यश की प्राप्ति हो, विजय की प्राप्ति हो, आयु आरोग्य की प्राप्ति हो, शिष्य को पूर्णता की प्राप्ति हो ऐसा ही आशीर्वाद है |”
गुरु माँ डॉ. साधना जी
ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पुर्णमुदच्यते |
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ||