जीवन की गहराई

जीवन जितना ज्यादा गहरा होगा उतने ही ताजे फूल आपके जीवन में खिलेंगे, उतने ही ताजे झरने उसमें से निकलेंगे।

जिन्दगी जितनी गहरी होगी उतनी ही आनन्दित और प्रसन्नचित्त होती है, और अपने चारों तरफ कृतज्ञता और धन्यता का अनुभव करती है।

जीवन में चाहे कितना भी बड़ा काम करना, यही समझना सब रेत के महल हंै, जिन्दगी को जब ठीक से देखोगे तो सब कुछ दिखाई पड़ेगा क्या टिकता है, और क्या बचता है।

दु:खी होने से बड़ा कोई पाप नहीं है, क्योंकि दु:खी होने से पाप ही बाहर निकलेंगे और चारों तरफ दु:ख ही दु:ख फैलेगा जबकि सुखी होने से बड़ा कोई पुण्य नहीं है क्योंकि जो सुखी है उसकी किरणे चारों तरफ फैलने लगती हंै इसलिए सदा हँसते मुस्कुराते रहा करो, आपका मुस्कुराता चेहरा देखकर सामने वाले के चेहरे पर अपने आप मुस्कुराहट का जाती है।

जिन्दगी सुन्दर हो सकती है उसके साथ घर जैसा व्यवहार करो एक क्षण के लिए ही सही जहाँ हम हंै वहाँ सुख हो, संगीत हो, आनंद हो शायद मरने के बाद हम जहाँ जाएंगे इतना सुख लेकर जाएंगे हमारे यहाँ का सुख वहाँ का स्वर्ग बन सकेगा।

जिन्दगी भीतर की ताकत से चलती है हम बाहर का बुखार चढ़ाना चाहते हंै। बुखार चढ़ जाता है लेकिन दौड़ गलत हो जाती है।

प्रकाश खोजना है तो अपने भीतर खोजो जिसने बाहर खोजा वह सदा अंधकार में ही भटकता रहेगा सब कुछ आपके अंदर ही समाहित है बस आपको अपने अंदर उसे खोजना पड़ेगा

‘‘ आप अपना प्रकाश स्वयं बनो’’

बड़ा मुश्किल है ऐसा गुरू पाना जो तुम्हारी आँखों में झांके और उसकी करूणा तुम्हारे अंदर उतर जाए तुम्हें सही मार्ग पर लाने की चेष्टा करें और तुम सभी शिष्य बहुत ही किस्मत वाले हो, तुम सब बहुत ही सुरक्षित हाथों में हो।